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अच्छा सुन

देख वह तो आलम ही कुछ ऐसा था,⁣ कि बातें या तो तुझसे होती थीं, या फिर तेरी,⁣ देख समय अब बदल सा रहा है,⁣ जो गुज़र गया वह अपना था,⁣ जो आने को है वह तेरा।⁣ ⁣ देख बात बस इतनी सी है,⁣ कि अब भी कुछ कहना था तुझसे,⁣ कुछ पूछना था,⁣ पर जाने दे अब,⁣ मैं अब पूछ सकता नहीं,⁣ और तू है कि बताना नहीं चाहती।⁣ ⁣ अच्छा सुन, बात बस इतनी सी है कि,⁣ इन दिनों याद बहुत आती है तेरी,⁣ कभी वक्त हो तो इक दफा मुड कर तो देख, समय बेशक बदल गया हो मगर यादें आज भी,⁣ या तो तुझसे हैं, या फिर तेरी।